8 हज़ार जाटो ने बुरी तरह हराया था 60 हजार मराठो को
8 हज़ार जाटो ने बुरी तरह हराया था 60 हजार मराठो को स्थान-बागरु समय-20 अगस्त 1748 मुद्दा-जयपुर की गद्दी के लिए ईश्वरी सिंह और माधो सिंह सगे भाइयो के बीच आपसी विवाद ----21 सितम्बर 1743 को सवाई राजा जय सिंह की मौत के बाद जयपुर की गद्दी के लिये विवाद शुरू हुआ,गद्दी बड़े भाई को मिलती है इसलिए ईश्वरी सिंह गद्दी पर बैठे,पर माधो सिंह ने उदयपुर के रजा जगत सिंह को साथ लेकर जयपुर पर हमला बोल दिया,1743 में जहाज पुर में-कुशवाह और जाट सैनिको की फ़ौज का सामना उदैपुर और जयपुर के बागी सैनिको से हुआ,जाट और कुशवाहा संख्या में बहोत कम होते हुए भी बहादुरी से लडे और हमलावरों को कई हज़ार सैनिक मरवा कर लड़ाई के मैदान से भागना पड़ा-जयपुर और भरतपुर के कुशवाहा और जाट जशन में डूब गए -ईश्वरी सिंह को गद्दी संभाले एक साल ही हुआ था की था माधो की गद्दी का कीड़ा काटने लगा और उसने पेशवा से मदद मांगी,पेशवा 80,000 मराठो की फ़ौज लेकर निवाई तक आ पहुंचा और ईश्वरी सिंह को मज़बूरी में बिना लडे ही 4 परगने माधो को देने पड़े अब माधो सिंह अपने राज्य का विस्तार करने में लग गया,अब ईश्वरी सिंह को संसार की इकलौती जाती जाटो की याद आई जो कि