आज जाट कौम दा अस्तित्व खतरे जाट वीरो नू आशिकी दा नाग आज डस गया है
गायी जिन जाटों की गौरव गाथा वेदो और
पुराणो ने
छिपा दिया वही इतिहास
हमारा बिके हुए इतिहासकारो ने
जाट कौम की नींव रखने वाला बो शख्स
बडा महान था
खिलाया सबको खुद भूखा रहकर
वो खुदा देवता जाट किसान था ।
हुए शहीद जो जाट वीर
आतंकी वो कहलाये है
मुगलो से टक्कर ली जिसने वो जाट लुटेरे
बतलाये है ।
इस धरती की खातर कितने जाट
कुर्बानी दे गये
देश धर्म की इज्जत करके हँस के सूली चढ
गये ।
सरहद पर मरने वाला सबसे ज्यादा जाट
जवान
थाम लो मेरे जाट भाईयो जो जग मे
रहजा कोई निशान
जर्जर ईटो से तुम कब तक,
तुम भला जाटों को रोक पाओगे
सच बोलुँगा अब मैं यारो,
बुरा लगे चाहे भाड़े के इतिहासकारो को ।
क्यूँ इतिहास छिपा रखा है,
बोलो क्या भूल गये सन् सत्तावन कि शाहदत
नाहर सिंह, शाहमल जैसे जाट वीरो कि
भगत सिंह को भुला कर
नोटो पर क्यूँ गाँधी का फोटो छापा
रस्सी तुमने ढूँढ निकाली
बकरी वाली गाँधी की,
भगत की रस्सी कब ढूँढोगे,
जिसपर उन्होंने दी क़ुरबानी थी
बनिया-बाहमण के जन्म-मरण पर
तुम छुट्टी दे देते हो
जाटो की बात करूँ तो
क्यूँ चुप्पी ले लेते हो
जिसमें लिखा सूरजमल महान,
बोलो वो पन्ने कहाँ गये
जो पत्र लिखे थे जाटो ने,
उनको बोलो क्यूँ दबा गये
क्यूँ इतिहास पढ़ाया हमको,
कायर, मुगल राजपूतो का
और अब तुम ही मिटा रहे हो,
इतिहास सच्चे देश वीरो का
भारत के वीरो जाटो का ॥
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