जय बाबा भय सिंह

बाबा भय सिंह कोई हत्यारे, लूटरे नहीं थे वो तो ऐसे वीर योद्धा थे जिन्होंने एशिया के सबसे बडे सम्राट अब्दाली का खजाना लूट लिया था औऱ गरीब औऱ किसान जाटो मे बांट दिया था उनके दल मे 200 के करीब योग्य योद्धा होते थे बाद मे ये अपना पैतृक गांव छोड़कर यमुना पार करके 120 योद्धाओ को लेकर मेरठ , मुजफ्फरनगर औऱ बिजनौर मे 20 से ज्यादा गांव बसाये, खुद ये अविवाहित थे औऱ इन्होंने अपने 8 भतीजो (अहलावत) औऱ एक भांजे (दलाल) को लेकर अनुपशहर मे जा बसे, बाद मे अनुपशहर के कारोबारी औऱ मूलनिवासी शहर छोड़ गए , 9 ऊतो का ये गांव आज भैंसी (मुजफ्फरनगर) कहलाता हैं 


बाबा भय सिंह (भौर सिंह) को आज सिर्फ एक गांव तक सीमित कर दिया, जबकि ये इतने बडे योद्धा थे कि नवाब इनकी खुसामद निकालकर लडने भेजते थे औऱ इनका सीधा हाथ एक युद्ध मे घायल हो गया था खब्बे हाथ के सबसे बडे तलवारबाज योद्धा थे इनका कद 7 फुट से ज्यादा था बताते है कि लोग इन्हें देख कर ही खौफ खा जाते थे



इनकी शोर्यगाथाऐ को हम जोकि खो सी गई थी दोबारा दुनिया के सामने लाएगे, कि कैसे एक हाथ के योद्धा ने कितने युद्ध जीते औऱ कितने गरीबों का भला किआ.. 


इनके इलाके का कारोबारियों मे इतना खौफ होता था कि 6 मील दूर को चले जाएंगे , पर उस गांव मे से नहीं जाएगे, उस समय का सबसे सम्पन्न शहर उजड गया हो, एक व्यक्ति औऱ उसके 9 भतीजो के खौफ से कुछ तो बात होगी , इस वीर मे..
आज हम अपने पूर्वजों की बदोलत ही गर्व से कह देते है
कि जाट हैं हम

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