Traditional Chaudhary JATS dress of Western Uttar Pradesh.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पारंपरिक जाट पोशाक II
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट की हमेशा से अपनी एक विशिष्ट सांस्कृतित पहचान रही हैं, जिनकी झलक हमे जाट के कुर्ते, सफेद लंबी टोपी जाट(khadi boli) भाषा से साफ़ झलकती हैं, पर बड़े दुख की बात ऐसी सांस्कृतिक पहचान को हम खोते जा रहे हैं जिसको दोबारा से मजबूती के साथ बचाने की ज़रूरत है अन्यथा वो दिन दूर नही जब हमारी कोई सांस्कृतिक पहचान नही होगी ओर हम सिर्फ़ भीड़ मे रल कर रह जाएँगे । क्योंकि किसी बिरादरी की पहचान उसकी सांस्कृतिक विरासत से की जाती है क़ि फलां व्यक्ति उस क्षेत्र का व इस बिरादरी का है पर जब संस्कृति ही नही बचेंगी तो बिरादरी का मान सम्मान व उसका इतिहास कहा बच पाएँगा इसलिए अपनी संस्कृती व अपने इतिहास को पहचानें। क्योंकि एक बात बिलकुल सत्य कहीं गयी हैं, अगर किसी जाति को जड़ से मिटाना हैं,तो उस जाति की संस्कृती एवं इतिहास को नष्ट कर दीजिए। वह जाति स्वतः ही नष्ट हो जाएगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट की हमेशा से अपनी एक विशिष्ट सांस्कृतित पहचान रही हैं, जिनकी झलक हमे जाट के कुर्ते, सफेद लंबी टोपी जाट(khadi boli) भाषा से साफ़ झलकती हैं, पर बड़े दुख की बात ऐसी सांस्कृतिक पहचान को हम खोते जा रहे हैं जिसको दोबारा से मजबूती के साथ बचाने की ज़रूरत है अन्यथा वो दिन दूर नही जब हमारी कोई सांस्कृतिक पहचान नही होगी ओर हम सिर्फ़ भीड़ मे रल कर रह जाएँगे । क्योंकि किसी बिरादरी की पहचान उसकी सांस्कृतिक विरासत से की जाती है क़ि फलां व्यक्ति उस क्षेत्र का व इस बिरादरी का है पर जब संस्कृति ही नही बचेंगी तो बिरादरी का मान सम्मान व उसका इतिहास कहा बच पाएँगा इसलिए अपनी संस्कृती व अपने इतिहास को पहचानें। क्योंकि एक बात बिलकुल सत्य कहीं गयी हैं, अगर किसी जाति को जड़ से मिटाना हैं,तो उस जाति की संस्कृती एवं इतिहास को नष्ट कर दीजिए। वह जाति स्वतः ही नष्ट हो जाएगी।
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