बाबा महेंद्र सिंह टिकैत
एक ऐसा नाम जिनका नाम सुनते ही बड़े बड़े अफसरों और नेताओ की पेंट गीली हो जाती थी इलाहबाद तक को जाम कर देते थे मुज़फ्फरनगर और मेरठ की तो बात ही अलग थी बात 2009 की है जब बिजनोर की एक रैली में बाबा टिकैत ने मायावती पर किसान के मुद्दे को लेकर टिप्पणी कर दी, उस समय बाबा राजनीति से दूर से हो गए थे, तो मायावती अहँकार में आकर बाबा की गिरफ़्तारी के आदेश दे दिए, सिसौली को 20 हज़ार की फ़ोर्स ने घेर लिया, मायावती ने केंद्र से भी सहायता मांगी, परन्तु आस पास के गावो में एलान हो गया, अगर गांव में एक भी पुलिस वाला घुसा तो या तो हम या वो रहेंगे, शाम सारी जट्टयात सिसौली पहुचने लगी, पुलिस प्रशासन बुरी तरह घबरा गया, उस समय मायावती के कैबिनेट में सचिव शशांक शेखर मुज़फ्फरनगर के जाट ही थे उन्होंने बाबा से माफ़ी मांगी और स्थिति संभाली, सिसौली इस गांव जिसमे म्हारे बाबा ने 3 प्रधानमंत्री और 6 मुख्यमंत्री को ऊको से पानी पिया रखा है बाबा का चरम काल 1985 से 2005 तक रहा, देवगौड़ा (प्रधानमंत्री) तो बाबा के बहुत बड़े भक्त थे हर दूसरे महीने इनसे मिलने सिसौली आते थे और पता चलता कि बाबा खेत में गया है तो एक प्रधानमंत्री उनसे मिलने खेत में ही चले जाते थे ऐसी पेर्सोनिलिटी हुई कोई भारत में जिससे मिलने प्रधानमंत्री भी खेत में जाता था ऐसे महापुरषो के कारण ही किसान जाट जाति को दुनिया मानती है |
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