राजीव तोमर


राजीव तोमर का जन्म 31 दिसंबर 1980 को
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के मलकपुर गांव में हुआ था।राजीवतोमरएक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। गुरु हनुमान अखाड़े में अपने कोच महासिंह राव से कुश्ती की बारीकियां सीखने वालेराजीव32 बार भारत केसरी भी रह चुके हैं। यही नहीं उन्होंने राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भी तीनों पदक अपने नाम किए हैं।राजीवने 1998 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।

हिन्द केसरी होने के साथ वह एक नेशनल चैंपियन और ओलिंपियन भी हैं। पहलवानी के दावं से इन्होंने देश-विदेश के कितने ही पहलवानों को पटखनी दी है।राजीवतोमरभारत के अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती दल के 125 भार वर्ग के अकेले पहलवान हैं। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पहलवानों को चित करराजीवने कई अवॉर्ड से अपनी पदक की झोली भर रखी है, जिसमें कई स्वर्ण पदक के साथ सिल्वर व कांस्य पदक भी है।
हिन्द केसरीराजीवतोमर
उन्होंने तीन बार राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। वर्ष 2005 में ओमान में हुए कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक के साथ, साउथ अफ्रीका में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर पदक हासिल किया था। इसके अलावा साल 2007 में कनाडा में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीतकर जलवा बिखेरने में कामयाब रहे।
राजीवतोमरने वर्ष 2008 में ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें अमेरिका के स्टीव मोको ने हराया दिया था। बीजिंग में हुए इस ओलिम्पिक फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के 120 किलोग्राम वर्ग मेंराजीवको पहले ही राउंड में अमेरिका के स्टीव मोको के हाथों एकतरफा शिकस्त मिली।राजीवमुकाबले की शुरुआत से ही दबाव में नजर आए, जबकि मोको ने शुरू से आक्रामक रुख अख्तियार किया।राजीवने मोको के दाँवों से बचने की कोशिश की मगर वे नाकाम रहे।

अमेरिकी पहलवान नेराजीवकी कमजोरी जल्द ही भाँप ली और पहले राउंड में उसने भारतीय प्रतिद्वंद्वी को पटखनी देकर एक अंक झटक लिया। दूसरे राउंड में मोको पूरी तरह हावी रहे औरराजीवपर एक बार शिकंजा कसने के बाद उन्हें कोई छूट नहीं दी। भारतीय पहलवान ने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी के चंगुल से आजाद होने के लिए संघर्ष किया मगर उनकी यह कोशिश कामयाब नहीं हुई। प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण भारतीय कोच पीआर सोंधी ने फटकार भी लगाई थी।

इसके बाद वर्ष 2009 में एक के बाद एक पदक उन्होंने अपने नाम किए। जालंधर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप व मुस्तफा गोल्ड कप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता और वर्ष 2009 में ही जर्मन में सिल्वर पदक जीता। वर्ष 2009 में अमेरिका में हुए वर्ल्ड कप में कांस्य पदक हासिल कर अपनी पदकों की झोली को और बड़ा कर लिया। राजीवतोमरको 2010 राष्ट्रमंडल खेलों से पहले राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के परीक्षण में मिथाइलहेक्सानेमाइन के लिए पाजीटिव पाए गए थे। जिसके कारण उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों की टीम से बाहर कर दिया गया था।

शीर्ष पुरुष कुश्ती खिलाड़ियों में शामिल रहेराजीवतोमरको उनकी उपलब्धियों के लिए 2010 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
तात्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करते हुएराजीवतोमर
21 नवंबर 2011 को वह दिल्ली की शिक्षिका के साथ शादी के बंधन में बंध गए। 2014 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों से पहलेराजीवतोमरबहालगढ़ कैंप में ने कड़ा अभ्यास करते थे। चार घंटे की बजाय 6 घंटे अभ्यास करते थे। खेलों में विदेशी पहलवानों को चित करने के लिए दांवपेंच भी सीखे थे।
साथी पहलवानों के साथराजीवतोमर

भारतीय पहलवानराजीवतोमरको 2014 ग्लासगो में खेले गए 20वें राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
ग्लासगो में अन्य पहलवानों के साथ रजत पदक लिए राजीव तोमर
मलकपुर गांव के इस पहलवान का प्रिय दावं टंगी या ईरानी है। इस दांव से उन्होने बड़े बड़े पहलवानों को चित्त किया है। इस दांव में अक्सर बड़े पहलवान को फ़ायदा मिलता है क्योंकि हल्के पहलवान को उठाना आसान हो जाता है।

राजीवतोमरकी उपलब्धियां
2005 में ओमान में हुए परी कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक
2005 में ईरान में हुई तख्ती कप में रजत पदक
2005 में साउथ अफ्रीका में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक
2007 में कनाडा में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक
2009 में जालंधर कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक
2009 में मुस्तफा गोल्ड कप में स्वर्ण पदक
2009 में जर्मन में रजत पदक
2009 में अमेरिका में हुए व‌र्ल्ड कप में कांस्य पदक
2010 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया
2011 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप कांस्य पदक
2014 में राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक

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