कब्जा सीमा पर नही कब्जा इबके संसद भवन पर होना चाहिए हर किसी जाट की नजर चिड़िया की आँख की तरह देश की सत्ता पे होनी चाहिए।

कब्जा सीमा पर नही कब्जा इबके संसद भवन पर होना चाहिए  हर किसी जाट की नजर चिड़िया की आँख की तरह देश की सत्ता पे होनी चाहिए।

वो जाट ही थे जिन्होंने सोमनाथ के मंदिर
का ज्यादातर खजाना वापस लूट लिया था।
वो जाट रामलाल खोखर ही था जिसने पृथ्वीराज
चौहान के हत्यारे मोहम्मद गौरी को सिन्ध में
मार डाला था।
वो जाट महाराजा रणजीत सिंह ही था जिसने
मुगलों को काबुल, कंधार में जा जाकर पीटा था।
वो जाट वीर गोकुला और माडु जाट ही थे
जिन्होंने औरंगजेब की मरोङ तोङ कर रख दी थी।
वो जाट चुङामन ही था जो जोधपुर के महाराज
अजीत सिंह की पुत्री को फरुखसियर पठान से
छुङाकर लाया था।
वो जाट राजा नाहर सिंह ही था जो देश के लिए
1857 मे पहले शहीद हुए।
वो जाट महाराजा सूरजमल ही था जिसने घायल
मराठों की मदद की और जिसके जीते
जी किसी दुश्मन की भरतपुर की तरफ आँख उठाने
की हिम्मत ना हुई।
वो जाट राजा जवाहर सिंह ही था जो लाल किले
के किवाङ तक उतार लाया था जो आज भी लोहगढ़
के किले में चढ़े हैं।
वो जाट करतार सिंह ग्रेवाल
ही था जो छोटी सी उम्र में देश के लिए फाँसी पर
झूल गये।
वो जाट भगत सिंह ही था जिसने देश
को आजादी दिलाई।
वो जाट चौधरी छोटूराम ही था जिसने
किसानों की जमीन की कुर्की बन्द करा दी।
वो जाट चौधरी सेठ छाजूराम ही था जिसने पूरे
हरियाणा में जाट स्कूल और कोलेजों को खङा कर
दिया।
वो जाट मेजर शैतान सिंह, ब्रिगेडियर होशियार
सिंह, कैप्टन सौरभ कालिया ही थे जिन्होंने कई
लङाईयों में देश की आन बचाई।
वो जाट सैनिक ही थे जो 48, 62, 65, 71 और
कारगिल में देश के लिए शहीद हुए।
वो जाट सर सिकन्दर हयात खान चीमा (मुस्लिम
जाट) ही थे जिन्होंने संयुक्त पंजाब में चौधरी सर
छोटूराम के साथ मिलकर गरीबों और
किसानों की भलाई में अनेक कानून बनवाए।
वो जाट जग्गा डाकू ही था जो अमीरों का धन
लूट कर गरीबों में बांट देता था।
वो जाट हरफूल जाट जुलाणी ही था जिसने
अंग्रेजों के राज में गऊ हत्थे तोङे थे।
वो जाट बाबा ज्याणी ही था (कुछ जाटों से
ईर्ष्या करने वालो ने इन्हें ज्याणी चोर
भी लिखा है) जिसने अदली खान की कैद से नार
महकदे को छुङाया था।
वो जाट बाबा शाहमल ही था जो 1857 में
लङा था।
वो जाट चौधरी चरण सिंह ही थे जिन्होंने किसानो को जमीनों का मालिकाना हक दिलाया ।
वो जाट चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ही थे जिन्होंने बेईमान नेताओ की कुर्सी तक अपने घर से ही ललकार कर हिला देते थे ।
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अभी भी हमे अपनों का साथ देकर अपनों को सत्ता तक पहुचाना सीखना होगा क्या ?
या जाट सिर्फ सीमाओ की पहरेदारी व् खेत की पहरे दारियो में ही लगे रहेंगे । सोचो जागो चुनाव टाइम में सब दुश्मनी भूल कर वोट अपनों को ही दे । तभी हमारी  जीत होगी ।
अन्य लाखों करोड़ों जाटों ने धर्म, देश, कौम के
लिए कुर्बानियां दी हैं।

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