जाट महाराजाओ के राज

जाट महाराजाओ के राज कार्यकाल की अवधि.जिसमे गोकुला रजा नहीं थे लेकिन सबसे मुगलों से सबसे पहले इन्होने हीलोहा लिया और अपने जीवन  का बलिदान दिया. फिर रजा राम जी  ने कार्यभार संभाला. चुरामन जी ने मुगुलो को छापामारी रननिति से मुगुलो कोबहौत धुल चटाई..

गोकुला ( - 1670 ],
राजा राम (1670 - 1688) ,
Churaman (1695 - 1721) ,
बदन सिंह (1722 - 1756) ,
महाराजा सूरजमल (1756 - 1763) ,
महाराजा जवाहर सिंह (1763 - 1768) ,
महाराजा रतन सिंह (1768 - 1769) ,
महाराजा Kehri सिंह (1769 - 1771) ,
महाराजा नवल सिंह (1771 - 1776) ,
महाराजा रणजीत सिंह (1776 - 1805) ,
महाराजा रणधीर सिंह (1805 - 1823) ,
महाराजा बलदेव सिंह (1823 - 1825) ,
महाराजा बलवंत सिंह (1825 - 1853) ,
महाराजा जसवंत सिंह (1853 - 1893) ,
महाराजा राम सिंह (1893 - 1900) ( निर्वासित ),
महारानी Girraj कौर (1900-1918) ( रीजेंट ),
महाराजा किशन सिंह (1900 - 1929) ,
महाराजा बृजेन्द्र सिंह (1929-1947

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