....%जाट चालीसा%.....


जाट सेवा सच्ची सेवा, जो करे वो खाये मेवा..
जो जाटो के पाँव दबावे, बस वैकुँठ परम पद पावे..
जो जाटो की करे गुलामी, ना आये कोई परेशानी..
जो जाटो का भरे हुक्का, उसकी किस्मत जग से न्यारी..
भुत पिशाच निकट नहि आवे,जो जाटो के कीर्तन गावे..
हाथ जोड कर कीजिये जाटो का ध्यान, घर मे खुशहाली रहेगी हो जायेगा कल्याण..
जाटो का नमन कर माला लेकर हाथ..
मुख से जाट वन्दना करो,,
"बोलो मेरे साथ"
.
जय जाट देवता बलसारी कल्याणकारी, तेरी माया किसी ने ना जानी..
तुमसे तो है सब 35वाले हारे, डर से थर-थर काँपे सारे..
नहि तुमहे कोई जान पाया, जन तो क्या खुद ईश्वर नी तुम्हे जान पाया..
अपरम्पार जाटो के ठाठ, कोई इनको पार ना पाया..
लगो देखने मे तुम भोले-भाले, हो लेकिन तुम बहुत ही खुखार प्राणी..
हे हमारे जाट देवता तुम, हो हमारे भाग्याविधाता..
हाथो मे रहते हथियार तुम्हारे, जब चाहे जिसको मारे..
ऐसी निकले बोली तुम्हारी, जैसे निकली हो बन्दुक से गोली..
हम तुमसे डरते है ऐसे,जैसे शेर से डरते जगंल के जानवर सारे..
ऐसा है आतंक तुम्हारा,नाम से ही काँपे जग सारा..
करे जो जन जाटो की सेवा, मिलती उसको सच्ची मेवा..
जाट वन्दना जो कोई गावे,जीवन मे कोई कष्ट ना पावे..
दिल से करो जाटो का अभिनन्दन,दिल से ये नर्म ओर दिमाग के है गर्म..
ञ्रान-गुण के ये भँडार,मिले नहि आपको ये बिना किये जाटो का सम्मान..
....बोलो जाट देवता की....

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